آهنگ |
مترجم |
شعر |
بيت های اول سرودها |
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دارم من عجب منجی راحت شده زوجانم |
1. |
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داماد می آيد |
2. |
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در آزمايشها و تنگی، خارهای تيز زندگی |
3. |
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در آسمان جديد اشکی نيست، آنجا غم و اندوهی نيست |
4. |
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در آن شب مقدس و فروزان، منجی من مولود گشت |
5. |
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در آن شب نورانی، ملائک با شادی مژده دادند |
6. |
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در آن نيمه شب نورانی، با تسبيح آسمانی |
7. |
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در اين دنيای بی کران آدميان زار و ناتوان |
8. |
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در پيشگاه تخت فيض مسيح سرود خوانيم |
9. |
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در تو جلال و در تو بقا است |
10. |
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در جماعت راست دلان حمدت سرايم |
11. |
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در حضورت خدا، تسبيح می خوانم |
12. |
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در حضور خداوند روح او در ماست |
13. |
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در خاک کردند آنها، جسم عيسی را |
14. |
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در دهکده ای به يک شب تار، آرام در آخوری محقر |
15. |
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در زندگی ام، خيمه ای من دارم |
16. |
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در سايه بالهايت |
17. |
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در شب آخر شاه شاهان، نشسته بود بين شاگردان |
18. |
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در شب تار و ظلمانی فرشتگان نورانی |
19. |
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در شب تيره شبانان گله ها را پاسبان |
20. |
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در صحرا چشمه جاری خواهد شد |
21. |
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در عيسی مسيح آشتی کرده ايم |
22. |
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در قلب من باشد جشن و شادی |
23. |
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در قلب من (محبت) |
24. |
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در منجيم شادان هستم، فيضش را سرايم هر دم |
25. |
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در موکب ظفر مسيح پيش روم با قوت خدا |
26. |
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در ميان امتها، تو را حمد گويم |
27. |
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در نام عيسی در نام عيسی داريم بس پيروزی |
28. |
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دست در دست برادر؛ آيا دعا کرده ای؟ |
29. |
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دستک زنيد ای ايمانداران فرياد شادی زنيد |
30. |
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دعا کنيم همه ما با يکدلی |
31. |
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دلی پريشان داشتم دور از خدا |
32. |
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دنيا گمره بود در ظلمت عصيان، نور جهان است عيسی |
33. |
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دنيای پر از گناه خانه من نيست |
34. |
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دوخته ام چشمانم را، به سوی کوهها |
35. |
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دو روزه عمرم شده چون نقش بر آبی |
36. |
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دوستان وقت سرور و طرب و شادی ما است |
37. |